तनाव से कैसे बचे- Tips In Hindi
तनाव से कैसे बचे- Tips In Hindi
आज हमने अपने जीवन में तनाव के अनेक कारण पैदा कर लिए हैं, यही वजह है कि दिन-ब-दिन तनाव बढ़ता ही जा रहा है। डॉंक्टरों का भी यही मानना है कि ऐसे 90 प्रतिशत मरीज तो अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए खुद ही जिम्मेदार होते हैं।काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां, अकेलापन और महत्वाकांक्षाएं.. इतने सारे दबाव दिमाग पर होंगे तो तनाव तो होगा ही। तो क्यों न ऐसे उपाय अपनाएं, जिनसे इस तनाव को खुद से दूर रखा जा सके।आज का समय ऐसा आ गया है की कोई भी इंसान तनाव की चपेट से बच नहीं प् रहा है छोटी से छोटी बात पर हम लोग तनाव में आ जाते है जो हमें कई बिमारियों की और लेकर जाता है हमें जितना हो सके अपने आपको खुश रखना चाहिए और हमें पता लगाना चाहिए की हम किस चीज़ से ज्यादा खुश रहते है हमें जिसमे ज्यादा ख़ुशी मिले हमें वही काम करने चाहिए बशर्ते वो काम गलत न हो जिससे की हमें तो ख़ुशी मिल जाए और दूसरों को भी ठेस न पहुंचे
tanav kam kaise kare |
ऐसा होता तब है जब हमारे मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिल पाता और उस पर हमेशा एक दबाव बना रहता है तो समझिए तनाव ने आपको अपनी चपेट में ले लिया है। तनाव को। चिकित्सकीय भाषा में तनाव यानी शरीर के होमियोस्टेसिस में गड़बड़ी। यह वह अवस्था है, जो किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली को गड़बड़ा देती है। तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोनों का स्तर बढ़ता जाता है,लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है
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बेहद नुकसानदेह है यह तनाव
, ‘तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोनों का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। इनकी वजह से दिल का तेजी से धड़कना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना, रक्त का प्रवाह प्रभावित होना, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाना और प्रतिरोधक तंत्र का कमजोर होना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।’अगर तनाव की स्थिति लगातार बनी रहती है तो इसका असर धीरे-धीरे बाहरी रूप से भी दिखाई देने लगता है। इस कारण आपको डिप्रेशन, डायबिटीज, बालों का झड़ना, हृदय रोग, मोटापा, अल्सर, सेक्सुअल डिसफंक्शन की समस्याएं हो सकती हैं।
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इन बातों को रखे ध्यान में
tanav se rahe kaise door |
हर समस्या का कोई न कोई समाधान होता है। अगर उस समस्या का तुरंत कोई समाधान न निकले तो दोस्तों और परिवार के सदस्यों की मदद लें।
किसी भी समस्या का यह समाधान नहीं है कि आप बिना सोचे-समझे ढेर सारा भोजन खा लें।
दुनिया आपके हिसाब से नहीं बदलेगी।
तनाव में हर चीज काफी मुश्किल और बड़ी लगती है। नकारात्मक चीजें सभी के साथ होती हैं, सिर्फ आपके साथ नहीं, इसलिए तनाव में भी सामान्य और सकारात्मक रहने की कोशिश करें।
स्ट्रेस ईटिंग एक भावनात्मक समस्या है। इससे बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय यह है कि किसी अच्छी स्वास्थ्यवर्धक आदत से इसे बदल लें।
किसी भी समस्या का यह समाधान नहीं है कि आप बिना सोचे-समझे ढेर सारा भोजन खा लें।
दुनिया आपके हिसाब से नहीं बदलेगी।
तनाव में हर चीज काफी मुश्किल और बड़ी लगती है। नकारात्मक चीजें सभी के साथ होती हैं, सिर्फ आपके साथ नहीं, इसलिए तनाव में भी सामान्य और सकारात्मक रहने की कोशिश करें।
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तनाव से कैसे निपटें
*अपनी समस्याओं का तनाव लेने के बजाए उनका हल ढूंढ़ें।
* एक्सरसाइज करें। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यह तनाव भी कम करती है।
*न कहना सीखें। अगर आप कोई काम अच्छी तरह नहीं कर सकते तो स्पष्ट रूप से न कहें।
*अगर आप ऐसे पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, जिनमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जैसे कॉफी, तो उनका सेवन कम करें।
*संतुलित और पोषक भोजन करें।
*अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
*तनाव का कारण पता लगाएं और उसे दूर करने का प्रयास करें।
*योगा करें। यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कार्टिसोल के स्तर को कम करता है।
*6 ले 8 घंटे की गहरी नींद लें।
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*क्या होता है तनाव की स्थिति में
यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। इसके लक्षण हैं-
*दिल का तेजी से धड़कना |
*पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना|
*रक्त का प्रवाह प्रभावित होना |
*तंत्रिका तंत्र की कोर्यप्रणाली गड़बड़ा जाना|
*इम्यून सिस्टम का कमजोर पड़ जाना |
*ब्लड प्रेशर बढ़ जाना|
*सांसें तेजी से चलने लगना |
*मांसपेशियां कड़ी हो जाना|
*नींद उड़ जाना |
*उदासी और थकान बढ़ जाना \
*वजन बढ़ना|
नोट -
हमेशा सकारात्मक सोचें।
अगर तनाव की स्थिति अधिक समय तक बनी रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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